अभिमन्यु ने तो अपने जीवन को दाव पे लगा
चक्रवयुह जीता था
चाहे जान गई जीत तो हासिल की
वो जानता तो था चक्रवयुह से पार पाना
यहाँ तो जितना सुलझाने की कोशिश करते हैं
चक्रवयुह उतना ही जटिल हो जाता है
कान्हा तुझे ही आना होगा इस जटिलता को सुलझाने
एक पग बढ़ते हैं तो दस पग पीछे चले जाते हैं
कुछ तो सोचना ही होगा या
यूँ जटिलताओं से घबरा भेदन छोड़ दें
या डटे रहें हिमालय सी दृढ़ता लिए
समन्दर सी अथाह शक्ति लिय
अभिमन्युं ने तो एक चक्रव्यूह भेदा थ ,
यहाँ तो गिनती मालूम नहीं
भेद भी पायेंगे की नहीं
दुआयों के बल पर बढ़े जा रहे हैं
या हठ है हमारा
कुछ तो अनसुल्झा है
चक्रवयुह जीता था
चाहे जान गई जीत तो हासिल की
वो जानता तो था चक्रवयुह से पार पाना
यहाँ तो जितना सुलझाने की कोशिश करते हैं
चक्रवयुह उतना ही जटिल हो जाता है
कान्हा तुझे ही आना होगा इस जटिलता को सुलझाने
एक पग बढ़ते हैं तो दस पग पीछे चले जाते हैं
कुछ तो सोचना ही होगा या
यूँ जटिलताओं से घबरा भेदन छोड़ दें
या डटे रहें हिमालय सी दृढ़ता लिए
समन्दर सी अथाह शक्ति लिय
अभिमन्युं ने तो एक चक्रव्यूह भेदा थ ,
यहाँ तो गिनती मालूम नहीं
भेद भी पायेंगे की नहीं
दुआयों के बल पर बढ़े जा रहे हैं
या हठ है हमारा
कुछ तो अनसुल्झा है
बहुत सुंदर और सच ..
ReplyDeleteआभार
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